क्या दान भगवान के पास जाता है…?
आज अधिकांश लोग यह जान चुके हैं कि एक इंसान होने के नाते अपने धन या साधनों से दूसरों की मदद करने से अच्छा कोई काम नहीं और यही हमें परमात्मा की राह पर आगे बढ़ाता है।
आज अधिकांश लोग यह जान चुके हैं कि एक इंसान होने के नाते अपने धन या साधनों से दूसरों की मदद करने से अच्छा कोई काम नहीं और यही हमें परमात्मा की राह पर आगे बढ़ाता है।
सार्वजनिक विवाह कार्यक्रमों हमारे समाज के कई जरूरतमंद लोग इसमें खुले दिल से शामिल होने से सिर्फ़ इसलिए हिचक रहे हैं कि… लोग क्या कहेंगे…?
‘विवाह’ स्त्री-पुरुष की एक नई जिंदगी की प्यारभरी शुरूआत है, जिसे सिर्फ धन-दौलत की चकाचौंध से सुखमय व आनंददायी नहीं बनाया जा सकता।