कन्यादान परिवार में लोग निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं
“कन्यादान” परिवार में लोग निःस्वार्थ भाव से जुड़े है | ‘कन्यादान’ पत्रिका इस अभियान को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है |
“कन्यादान” परिवार में लोग निःस्वार्थ भाव से जुड़े है | ‘कन्यादान’ पत्रिका इस अभियान को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है |
आज देश मै अलग-अलग सामाजिक संस्थाएं (social institution) हैं | सामाजिक संस्थाओं का रोल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है |
बेसहारा लड़कियों का आसरा कन्यादान आश्रालय जहां रहने वाली बच्चियां स्वयं को अपने घर जैसा महसूस कर सकें और एक सुखी भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।
जब किसी परिवार में मुसीबतें बढ़ती हैं तो घर के किसी सदस्य को चाहे अनचाहे रोजी-रोटी के जुगाड़ में village गांव छोड़कर शहर city जाना पड़ता है।
दहेज, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रूण हत्या और विवाह में फिज़ूल खर्ची जैसी समस्याओं से है निपटना इन गंभीर समस्याओं से लड़ना है संस्था का उद्देश्य
कन्यादान ट्रस्ट को हर व्यक्ति द्वारा तन, मन व धन से दिल खोलकर मदद देनी चाहिए, क्योंकि आपकी एक छोटी सी मदद भी कई घरों को बसा सकती है।
‘विवाह’ स्त्री-पुरुष की एक नई जिंदगी की प्यारभरी शुरूआत है, जिसे सिर्फ धन-दौलत की चकाचौंध से सुखमय व आनंददायी नहीं बनाया जा सकता।
“विवाह प्यार का एक पवित्र रिश्ता” विवाह के रिश्ते की बुनियाद प्यार ही है और इसका अस्तित्व भी प्यार पर टिका रहता है |
दहेज का दंश मिटा रहा अनेक वंश , दहेज प्रथा का असर कम करने के लिए ‘आदर्श विवाह पद्धति’ और ‘सामूहिक विवाह समारोह’ को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।
राईपुर धर्मलक्ष्मी जनसेवा ट्रस्ट का उदय | ट्रस्ट की स्थापना का औपचारिक उद्धघाटन समारोह 26 मई 2016 को राईपुर में अखण्ड रामायण के पाठ के साथ हुआ